Friday, July 15, 2011

रिहर्सल

रिहर्सल

आज इंदौर में उप राष्ट्रपति आने वाले हैं. कल उनके आगमन की रिहर्सल की गई... शाम को जब ऑफिस से निकला तो तेज़ बारिश हो रही थी... हर चौराहे पर पुलिस थी... जनता को रोक दिया गया.. नकली गाड़ियों का काफिला निकलने वाला था.. सभी भीग रहे थे... लेकिन रुके थे... कानून का पालन कर रहे थे .... रिहर्सल भी असली के जैसे ही हो रही थी... आज अखबार में पढ़ा की - रिहर्सल दो बार की गई... शायद रिहर्सल में शो से ज्यादा खर्च हुआ होगा ..... (मेरा अनुमान है )

फिर भी यदि दुघटना हो जाये... मसलन उनकी कार पंचर हो जाये... स्टार्ट ना हो.... मुझे मालूम है की सारे इंतजाम होंगे... लेकिन अगर पंचर गाडी से रिहर्सल हो तो ?? ड्राईवर को अचानक रास्ते में चक्कर आ जाये ?? मेहमान को रास्ते में पाखाने जाने की तलब लगे तो ??

कितना अच्छा हो. की सारे राजनेताओं को एक्का दुक्का हमले की रिहर्सल करवाई जाए... अगर पैर में गोली लग जाए तो... हाथ में लगे तो... अगर पैर कट जाए तो ?? खून भरा कुरता पायजामा उन पर कैसा लगेगा..?? अगर कपडे पहने लायक नहीं बचे तो ?? और उनको अस्पताल कैसे ले कर जायेंगे ... किस बिस्तर पे लेटेंगे ?? खाने में क्या मिलेगे ?? कौन कौन मिलने आएगा ?? रिहर्सल बार बार होना चाहिए.... दिन में कम से कम दो बार ....

देश हित में , देश के कर्णधारों की रक्षा हेतु...

मौत का इतना खौफ इनके मन में बैठ जाए की ..... दोबारा चुनाव लड़ने की इच्छा ख़तम हो जाए... और डर के कारण छिपा हुआ धन बाहर आ जाए


सोचा जा सकता है ???? लेकिन सोचना नहीं चाहिए - उनके लिए रिहर्सल - और हमारी परेशानी सचमुच की.... जय हिंद

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